मेरे डायरी के कुछ पन्ने
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तितलियों सा बचपन,
तितलियों को पकड़ता बचपन |
पौधे सा बचपन,
पेड़ो की शाखाओं से झूलता बचपन |
गौरैये सा बचपन,
आंगन का शान बचपन |
कलियों सा बचपन,
मासूम, मस्त और मुस्कराता बचपन |
पतंग की डोर खिंचता बचपन,
कटी पतंग के पीछे भागता बचपन |
मुश्किलों में माँ को पुकारता बचपन,
माँ के अंचल से लिपटा बचपन |
सैतानी पर बापू से डाँट खाता बचपन,
बापू की गोद में उछलता बचपन |
कहानीयों की सुरुआत बचपन,
नानी-दादी से कहानियाँ सुनता बचपन |
नकलची बचपन,
देख-देख चीजों को सिखता बचपन |
मिट्टी के वर्तनों से खेलता बचपन,
धूल-मिट्टी में सँवरता बचपन |
मौसम सा बचपन,
पल-पल अपने विचारों को बदलता बचपन |
-अविनाश गौरव
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